Thursday, October 12, 2017

किसी के साथ छल कपट नहीं किया..*

*कभी साथ बैठो...*
*तो कहूँ कि दर्द क्या है...*

*अब यूँ दूर से पूछोगे...*
*तो ख़ैरियत ही कहेंगे !!!*

 *मकानों के भाव*
      *यूँ ही नहीं बढ़ गए...दोस्तो,*

*रिश्तों में पड़ी दरारों का*
   *फायदा बिल्डर उठा गए...!!*

 *सुख मेरा काँच सा था~*
*न जाने कितनों को चुभ गया..!!!*

 *आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,*
*दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया*

 *किसी ने मुझ से पूछा कि पूरी जिंदगी में क्या किया ?*
*मैंने हसकर जवाब दिया ,*
*किसी के साथ छल कपट नहीं किया..*🙏

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